श्री हरि मोहन गुप्ता (डीआईएन:08453476), भारतीय रेल सेवा (IRSE-1989) के अधिकारी हैं, जिन्होंने आई.आई.टी रुड़की विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की है। इरकॉन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व वे लगभग चार वर्षों तक डीएफसीएल में निदेशक (इन्फ्रा) के पद पर कार्यरत थे। इस अवधि में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडर के 1404 मार्ग किलोमीटर (3173 ट्रैक किलोमीटर) दोहरी रेल लाइन का विद्युतीकरण एवं स्वचालित सिग्नलिंग के साथ कमीशनिंग का कार्य संपन्न हुआ। उन्होंने 23 अप्रैल 2019 से 12 अक्टूबर 2020 तक रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय में कार्यकारी निदेशक/कार्य के रूप में भी कार्य किया है।
इससे पूर्व वे डीएफसीएल (DFCCIL) में रेवाड़ी-दादरी खंड जैसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित परियोजना पर मुख्य परियोजना प्रबंधक के रूप में सात वर्षों तक प्रतिनियुक्ति के आधार पर कार्यरत थे। इस दौरान उन्होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सात प्रमुख जिलों (रेवाड़ी, अलवर, मेवात, गुड़गांव, पलवल, फरीदाबाद एवं गौतमबुद्ध नगर) में भूमि अधिग्रहण, सभी जिलों में वन विभाग की मंज़ूरी, अरावली पर्वतमाला में सुरंग बनाकर विशेष अनुमति प्राप्त करने, नोएडा में फ्रीहोल्ड भूमि की व्यवस्था करने, तथा नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट को बदलकर डीएफसी के अनुरूप बनाने जैसे उल्लेखनीय कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई। परियोजना की सभी डिज़ाइन व ड्रॉइंग उनके कार्यकाल में अंतिम रूप दी गईं और समूचे मार्ग पर निर्माण कार्य का प्रारंभ हुआ।
उन्हें रेलवे ट्रैक के अनुरक्षण, विशाल रेलवे ट्रैक मशीनों की मरम्मत/देखरेख/ओवरहॉलिंग, निविदा, अनुबंधों का निपटान, मध्यस्थता एवं प्रशासन आदि क्षेत्रों का भी व्यापक अनुभव है। कार्यकारी निदेशक/ कार्य के रूप में उन्होंने परियोजना मोनिटरिंग, वित्तपोषण तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में भी गहन अनुभव प्राप्त किया।
जुलाई 2024 में उन्होंने इरकॉन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया और विभिन्न क्षेत्रों में कई परियोजनाओं की सफल कमीशनिंग सुनिश्चित की, जैसे: जम्मू-कश्मीर की उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना (USBRL), किउल-गया रेल परियोजना, कटनी-सिंगरौली रेल दोहरीकरण परियोजना, प्रतिष्ठित मध्यप्रदेश का कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना, नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे का व्यापक विद्युतीकरण, उत्तर रेलवे के मैकेनिकल इंटरलॉकिंग को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में परिवर्तित करना, श्रीलंका की माहो-ओमंथाई रेललाइन का उन्नयन, बांग्लादेश में खुलना-मोंगला नई रेललाइन का निर्माण, कर्नाटक में भारतीय रेल के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना, आधुनिक सुरंग संचार प्रणाली, टनल्स में रिजिड ओवरहेड केटेनरी प्रणाली, एन.सी.आर.टी.सी. की रैपिड रेल परियोजना में विद्युतीकरण तथा राजमार्ग परियोजनाओं का तीव्र निष्पादन आदि।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट विंग में अलग से विद्युत तथा संचार एवं सिग्नलिंग इकाइयों का विकास भी किया। चूंकि किसी भी कंपनी का मानव संसाधन कंपनी के विकास के लिए मुख्य प्रेरक शक्ति है, इसलिए उन्होंने कर्मचारियों की संतुष्टि और स्वामित्व को बढ़ाने के लिए विभिन्न नीतिगत परिवर्तन सुनिश्चित किए।
कंपनी के लिए उनका दृष्टिकोण है कि व्यावसायिक क्षमता, औद्योगिक ज्ञान और परियोजनात्मक अनुभव का लाभ उठाकर, उन्नत अनुबंध प्रबंधन, दक्ष निष्पादन, डिज़ाइन नवाचार तथा उन्नत तकनीक के माध्यम से लाभकारी एवं सतत विकास प्राप्त किया जाए।
एक जिम्मेदार सार्वजनिक क्षेत्र प्रमुख के रूप में वे इरकॉन को एक सामाजिक रूप से उत्तरदायी कंपनी के रूप में स्थापित करने और उच्च मानक स्थापित करने के लिए कटिबद्ध हैं। वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि परिचालन और वित्तीय नियंत्रण की एक उचित रूप से डिजाइन की गई और लगातार लागू की गई प्रणाली स्थापित करना, संसाधनों की सुरक्षा करना, विश्वसनीय वित्तीय रिपोर्ट तैयार करना और सभी कानूनों और नियमों का अनुपालन करना है।
वह एक निष्ठावान और परिश्रमी व्यक्ति हैं, जिनके नेतृत्व में हर सदस्य की भागीदारी, प्रेरणा बनाए रखना, और किसी भी परियोजना को मिशन मोड में आगे बढ़ाने में विश्वास रखते हैं। उनका यह मानना है कि ईमानदारी, अखंडता, दृढ़ता तथा स्वस्थ कार्य संस्कृति ही किसी संगठन की सफलता की कुंजी होती है। उन्होंने सदैव वरिष्ठ एवं कनिष्ठ कार्मिकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की प्राथमिकता दी है, इससे न केवल उनके कामकाज में सामंजस्य आया है, बल्कि उन्हें विभिन्न राज्य सरकारों और प्राधिकरणों से तेजी से मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने में भी मदद मिली है।