• Last Modified: बुधवार 11 दिसम्बर 2024.

पूर्ण परियोजनाओं की प्रमुख विशेषताएं

 

मध्य प्रदेश राज्य में शिवपुरी से गुना तक किमी 236.00 से किमी 332.100 (पैकेज-I) को चार लेन का बनाना एनएचडीपी चरण- IV (चरण- I) के तहत एफबीएफओटी पैटर्न पर बीओटी (टोल) पर निष्पादित किया जाना - 670 करोड़ रुपये।

मौजूदा बीकानेर-फलोदी खंड को किमी से फोर-लेन तक चौड़ा और मजबूत करना। 4.200 से किमी. 55.250 और राजस्थान राज्य में बीओटी (टोल) आधार पर एनएच-15 के किमी 55.250 से किमी 163.500 तक पक्की कंधे के साथ टू-लेन- 681 करोड़ रुपये।

5 जिलों (गढ़वा, गुमला, रांची, लोगरदगा और सिमडेगा) में ग्रामीण सड़कों और पुलों का निर्माण / उन्नयन झारखंड - पीएमजीएसवाई परियोजनाएं- 607 करोड़ रुपये।

1737 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1991-1998 में हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश राज्‍यों में दिल्‍ली और मथुरा के बीच (111 किमी) के बीच राष्‍ट्रीय राजमार्ग-2 को चार लेन का बनाने के लिए इसका सुदृढ़ीकरण व इसे चौड़ा किया जाना।

1762 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1993-1999 के दौरान उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में वाराणसी-शक्तिनगर सड़क परियोजना (184 किमी) में सुधार और सुदृढ़ीकरण कार्य।

2024 मिलियन रूपए की लागत पर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के बीच एक्‍सप्रेस-वे (पुलों सहित) का निर्माण।

1890 मिलियन रूपए की लागत पर उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में राष्‍ट्रीय राजमार्ग-2, संविदा सं. टीएनएचपी 3 (43 किमी) पर खागा-अलीगढ सड़क को चार लेन का बनाना।

1685 मिलियन रूपए की लागत पर गुजरात राज्‍य में गोधरा-शामलाजी सड़क परियोजना (121 किमी), संविदा सं. जीएसएचपी-7.

यूपीएसआरपी 01, 2870 मिलियन रूपए की लागत पर कटरा से बिहौर वाया जलालबाद-बीग्राम (173 किमी) का स्‍तरोन्‍नयन।

3459 मिलियन रूपए (इरकॉन का भाग) की लागत पर बीओटी आधार पर (मैसर्स सोमा इंटरप्राइस के साथ संयुक्‍त उद्यम में) एनएच-3 पर पिंपलगांव - धुले खंड को चार लेने का बनाने के लिए इसमें सुधार, प्रचालन व अनुरक्षण कार्य।

तमिलनाडु सड़क सेक्‍टर परियोजना - टीएनएसपी02- 1367 मिलियन रूपए की लागत पर नागापटि्टनम से कट्टुमवदी तक सड़कों का स्‍तरोन्‍नयन और नागापट्टिनम, तिटुथुरईपुंडी और मुट्टुपेट में नया बायपास (एसएमजी, इंडोनेशिया के साथ संयुक्‍त उद्यम में)।

हरियाणा राज्‍य में एनएच-1 के पंछी गूजरन - पानीपत खंड के किमी 66.000 से किमी 86.000 को छह लेन का बनाना - पैकेज: एनएस - 89/हरियाणा, 1377 मिलियन रूपए।

यूपीएसआरपी 04, 1298 मिलियन रूपए की लागत पर भोगनीपुर-घाटमपुर-चौधागरा सड़क (83 किमी) का स्‍तरोन्‍नयन।

900 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1998-2000 के दौरान आंध्रप्रदेश राज्‍य में वारंगल - रायपट्नम सड़क को चौड़ा करना और इसका सुदृढीकरण।

641 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1998-2000 के दौरान राजस्‍थान राज्‍य में एनएच-11 तथा एनएच-8 को जोड़ने वाले 14 किमी के जयपुर बायपास का निर्माण।

543 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1998-2000 के दौरान आन्‍ध्र प्रदेश राज्‍य में कडप्‍पा–तडीपतरी सड़क (65 किमी) को चौड़ा करना व सुदृढ़ीकरण।

532 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1999-2000 के दौरान गुजरात राज्‍य में वडोदरा – हलोल सड़क (18 किमी) को चौड़ा करना व सुदृढ़ीकरण।

380 मिलियन रूपए की लागत पर ओएनजीसी मैंगलोर पेट्रोकैमिकल लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक पर ओवर डायमेंशनल कार्गो सड़क का निष्‍पादन कार्य।

248 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 1998-2000 के दौरान बंगलुरू में वरथूर से सरजापुर के बीच आउटर रिंग रोड का निर्माण।

233 मिलियन रूपए की लागत पर वर्ष 2001-2002 के दौरान मैंगलोर में मगदी रोड के बीच आउटर रिंग रोड का निर्माण निर्माण।

763 मिलियन रूपए के लागत पर वर्ष 1996 से 1999 के दौरान भुवनेश्‍वर रनवे परियोजाएं।

98.10 मिलियन रूपए की लागत पर भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण के लिए एनएससीबीआई हवाईअड्डा, कोलकाता पर गौण रनवे का विस्‍तार।

पश्चिम बंगाल में राष्‍ट्रीय राजमार्ग-31 के सिलिगुडी-इस्‍लामपुर (बायपास को छोड़कर) खंड के लेन बनाना: ई डब्‍ल्‍यू ।। (प.बं.7)।

न्‍यू मैंगलोर पोट के लिए पर्याप्‍त पोट - सड़क संपर्कता का विकास। संविदा पैकेज : केआर (न्‍यू मैंगलोर)।

उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में 4 लेन समायोजना के लिए राष्‍ट्रीय राजमार्ग 25 के किमी 170.00 से किमी 220.00 तक पुनर्वासन और स्‍तरोन्‍नयन: पूर्व पश्चिम गलियारा पैकेज यूपी05.

आरएसवीवाई (राष्‍ट्रीय सम-विकास योजना) के अंतर्गत दरभंगा, मधुबनी, वैशाली, मुजफ्फरपुर तथा समस्‍तीपुर के जिलों में राज्‍य राजमार्गों का विकास।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत बिहार राज्‍य में ग्रामीण सड़कों का निर्माण/प्रचालन आरंभ और अनुरक्षण।

 

चालू परियोजनाओं की प्रमुख विशेषताएं

 
भारतमाला परियोजना (चरण II-पैकेज XIV) के तहत हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर महाराष्ट्र राज्य में किमी 3.000 से किमी 20.200 (शिरसाद से अकोली सेक्शन-वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे के अकोली सेक्शन-स्पर) तक आठ लेन एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे का निर्माण (चरण II-पैकेज XIV) - 1258.88 करोड़ रुपये।

भारतमाला परियोजना (चरण-द्वितीय- पैकेज-XVII) के तहत हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर महाराष्ट्र राज्य में किमी 69.800 से किमी 79.783 (भोज से मोरबे सेक्शन-वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे के स्पर) तक आठ लेन एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे का निर्माण - 1608.32 करोड़ रुपये।

फोर / सिक्स लेन ग्रीनफील्ड लुधियाना- रूपनगर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या का निर्माण। NH-205K, मानेवाल (लुधियाना) के पास NE-5 गाँव के साथ जंक्शन से भियोरा गाँव (रूपनगर) के पास NH-205 के साथ जंक्शन तक, जिसमें पंजाब राज्य में भारतमाला परियोजना के तहत लुधियाना बाईपास के साथ खरड़ शामिल है, हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर: पैकेज -3 (डिजाइन अध्याय 66.440 से डिजाइन अध्याय 90.500 और खार डिजाइन के लिए प्रेरणा अध्याय 0.000 से डिजाइन अध्याय 19.200, कुल लंबाई 43.26 किमी) - 1239.84 करोड़ रुपये।

हरिद्वार बाईपास पैकेज-1 का उन्नयन एवं फोर लेन किमी. 0+000 (एनएच-58 के किमी 188+100) से किमी। हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर उत्तराखंड राज्य में 15+100 (एनएच 74 का किमी 5+100)- 964.32 करोड़ रुपये ।

आठ लेन का वडोदरा किम एक्सप्रेसवे। एनएचडीपी चरण - VI (चरण IA-पैकेज II) के तहत गुजरात राज्य में किमी. 323.000 से किमी. 355.000 (वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे का संपा से पादरा खंड) - 1378 करोड़ रुपये।

हरियाणा राज्य में एनएच 352डब्ल्यू के गुड़गांव-पटौदी-रेवाड़ी खंड का फीडर रूट के रूप में उन्नयन हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर- 900 करोड़ रुपये।

 

ग्राहक

 

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

यूपीपीडब्‍ल्‍यूडी, निर्मल भवन, लखनऊ-226001, उत्‍तर प्रदेश सरकार,

पीडब्‍ल्‍यूडी (आर एंड बी) आंध्र प्रदेश सरकार।

नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण।

कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण।

उत्‍तर प्रदेश राज्‍य औद्योगिक विकास प्राधिकरण।

बैंगलोर विकास प्राधिकरण।

गुजरात टोल रोड लिमिटेड।

भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण।

ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार तथा बिहार सरकार।

ग्रामीण कार्य विभाग, झारखंड राज्‍य सरकार।

पीडब्‍ल्‍यूडी (आर एंड बी), चंडीगढ।

तमिलनाडु राज्‍य औद्योगिक संवर्धन निगम।

तमिलनाडु सड़क क्षेत्र परियोजना राजमार्ग विभाग, तमिलनाडु सरकार,

गृह मंत्रालय, भारत सरकार।

भारतीय पोत ट्रस्‍ट।

 

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