• Last Modified: गुरुवार 02 मई 2024.

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अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का सन्देश


श्री आशीष बंसल
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक

(अतिरिक्त प्रभार)

समाचार

इरकॉन को "बांग्‍लादेश में खलना-मोंगला पोत रेल लाइन के इम्‍बार्कमेंट, रेलपथ, सभी सिविल कार्य, प्रमुख और गौण पुलों (रूपशा को छोड़कर) तथा पुलिया के निर्माण और ईएमपी के क्रियान्‍वयन का कार्य" प्रदान किया गया है - पैकेज सं. डब्‍ल्‍यूडीआई, 9713 मिलियन रूपए।

मित्‍सुई और टाटा प्रोजेक्‍ट्स लिमिटेड के साथ संयुक्‍त उद्यम में इरकॉन को "पश्चिमी समर्पित मालभाड़ा गलियारे के सिविल निर्माण और रेलपथ का कार्य" प्रदान किया गया है। संविदा पैकेज सीटीपी-11 जेएनपीटी- वैतरणी खंड, 17163 मिलियन रूपए।

इरकॉन को एनएमडीसी द्वारा "जगदलपुर के समीप नगरनार, छत्‍तीसगढ़ में प्रस्‍तावित 3.0 एकीकृत इस्‍पात संयंत्र के लिए सिग्‍नलिंग और दूरसंचार, यांत्रिकी और नए ब्‍लॉक स्‍टेशन व संबद्ध कार्यों सहित सिविल और रेलवे सहायक कार्य" प्रदान किए गए हैं। पैकेज सं. I, II तथा IV - 4464 मिलियन रूपए।

इरकॉन ने छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में रेल गलियारे के विकास के लिए छत्‍तीसगढ़ सरकार और दक्षिण पूर्वी कोलफील्‍ड लिमिटेड (एसईसीएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए हैं।

 

इरकॉन को "दिल्‍ली एमआरटीएस परियोजना चरण-।।। के लिए डीएमआरसी के सीई-6, लॉट-1 के अंतर्गत मौजूदा रिसीविंग उप-स्‍टेशन के लिए ग्रिड उपस्‍टेशन से उच्‍च वोल्‍टता तारों और संवर्धन कार्यों सहित रिसीविंग-सह-कर्षण तथा अनुषंगी मुख्‍य उपस्‍टेशन के अभिकल्‍प, आपूर्ति, संस्‍थापन, परीक्षण और कमिशनिंग का कार्य" प्रदान किया गया है - 2349.50 मिलियन रूपए।

इरकॉन को दिल्‍ली एमआरटीसी परियोजना के चरण-।।। के मुकुंदपुर डीपो में गिट्टी सहित/गिट्टी रहित रेलपथों सहित एलिवेटेड और भूमिगत खंडों में मुकुंदपुर - लाजपतनगर (छोड़कर) लाइन-7 के खंडों के भाग-1 में रेलपथ कार्यों के लिए संविदा सीटी-1 प्रदान किया गया है।

इरकॉन को "एप्रोच रेल सहित दूसरे भौरब पुल के निर्माण (लॉट-क) " का कार्य प्रदान किया गया है।

इरकॉन को जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य में जम्‍मू में ऊर्जा आपूर्ति संवितरण कार्य (आर-एपीडीआरपी) के लिए तीन परियोजनाएं प्रदान की गई हैं (क्‍लस्‍टर-।: 2629.40 मिलियन रूपए, क्‍लस्‍टर-।।: 3332.60 मिलियन रूपए तथा क्‍लस्‍टर-IV: 853.26 मिलियन रूपए)। 

इरकॉन को राजस्‍थान राज्‍य में बीओटी (टोल) आधार पर राष्‍ट्रीय राजमार्ग-15 के किमी 4.200 से किमी 55.250 तक चार लेन का बनाने और किमी 55.250 से किमी 163.500 तक पेव्‍ड शोल्‍डरसहित दो लेन का बनाने के लिए मौजूदा बीकानेर-‍फलौदी खंड को चौड़ा करने व इसके सुदृढ़ीकरण का कार्य सौंपा गया है। 

इरकॉन को बीओटी (टोल) आधार पर मध्‍यप्रदेश राज्‍य में किमी 236.00 से किमी 332.100 (पैकेज-।) तक शिवपुरी से गूना को चार लेन का बनाने का कार्य सौंपा गया है।  

मित्‍सुई और टाटा प्रोजेक्‍ट्स लिमिटेड के साथ संयुक्‍त उद्यम में इरकॉन को "डीएफसीसीआईएल पैकेज सीटीपी-12 के पश्चिमी गलियारे के वैतरणी - सचिन खंड के लिए सिविल निर्माण और रेलपथ का कार्य" प्रदान किया गया है - 21706.50 मिलियन रूपए

मित्‍सुई और टाटा प्रोजेक्‍ट्स लिमिटेड के साथ संयुक्‍त उद्यम में इरकॉन को "डीएफसीसीआईएल पैकेज सीटीपी-13 के पश्चिमी गलियारे के सचिन-वडोदरा खंड के लिए सिविल निर्माण और रेलपथ का कार्य" प्रदान किया गया है - 21578.00 मिलियन रूपए लाख






हमारा लक्ष्‍य

(i)भारत तथा विदेशों में परिवर्तनशील आर्थिक परिदृश्य के अवसंरचनात्मक विकास के निर्माण की आवश्यकताआें को पूरा करने के लिए कम्पनी को प्रभावपूर्ण रूप से तैयार करना।

(ii)सर्वोत्तम अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद व सेवाआें को इंजीनियरिंग तथा बेहतर कार्पोरेट शासन व ग्राहक संतुष्टि की दृष्टि से उपलब्ध कराकर विश्वव्यापी पहचान बनाना।

हमारा विजन

आधार संरचना के क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों और सेवाओं के सम्पूर्ण आयाम को शामिल करते हुए इस क्षेत्र की सर्वोत्तम कम्पनियों की तुलना में विशिष्टता प्राप्त निर्माण संगठन के रूप में देश तथा विदेशों में अपनी पहचान बनाना।

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श्री आशीष बंसल, उम्र 54 वर्ष, के पास थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की डिग्री और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा है। वह 1989 बैच के भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसई) से हैं। वह वर्तमान में पीईडी/टीआर (एम एंड एमसी), रेलवे बोर्ड के पद पर कार्यरत हैं। उनके पास रेलवे में 34 वर्षों से अधिक का समृद्ध और विविध अनुभव है। इससे पहले वह धनबाद में मंडल रेल प्रबंधक के रूप में काम कर चुके हैं। उन्हें डीएमआरसी में अंडरग्राउंड निर्माण का अनुभव है।

 
Shri Ashish Bansal, aged 54 years holds an Engineering degree from Thapar Institute of Engineering & Technology and Post Graduate Diploma in Structural Engineering from Punjab Engineering College, Chandigarh. He belongs to Indian Railway Services of Engineers (IRSE) of 1989 batch. He is presently working as PED/Tr. (M&MC), Railway Board. He has over 34 years of enriched and varied experience in Railways. Earlier he has worked as Divisional Railway Manager at Dhanbad. He has experience of Underground construction in DMRC.

 

Shri Anand Kumar Singh is a civil engineer from I.I.T. Delhi and M.B.A. (Finance) from MDI, Gurugram. He started as an IRSE officer in January 1990 with Ministry of Railway and brings more than 33 years of experience in development of major Railway infrastructures (25 Years plus) & Highway infrastructures (8 Years plus).

Shri Singh previously served for 3 Years as Director on NHAI Board as Member (Project) NHAI from 2016-2019.

Shri Singh’s experience spans from inception planning to end stage including all aspects of project planning, viability assessment, investment strategy, financing , bid awards, construction, project consultancy, contract management,  project management, O&M etc. right upto end with monetization. In project implementation specialisations include completion well before timelines for construction of new lines, doubling, tunnels, elevated corridors, state of art bridges, National Highways, Expressways, Coastal Highways, logistics, electrical systems installations etc.

Shri Singh has also made significant contributions in all prevalent methods of project implementation viz Item rate EPC, FIDIC, EPC (turn key), PPP, OMT, HAM, TOT models and his accomplishments include asset monetization, InVIT, divestments, fund raising, marketing international projects and attracting foreign investments.

Shri Singh has played a pioneering role in launching of the new EPC (turn key) Model Agreement (MCA), improvisations in PPP after difficult era of PPP and new project models of HAM and TOT divestments.

Shri Singh has led as a Contract Management Specialist and headed large number of dispute resolution, technical and contractual interpretations committees and settlement advisories to salvage large number of languishing projects by out of the box thinking and innovative interventions. He has also headed HR & Admin, IT and legal verticals with several unprecedented accomplishments.

Shri Singh believes in value creations through inclusive leadership and creating synergies for all stake holders and investors.

श्री आनंद कुमार सिंह आई.आई.टी. दिल्ली से सिविल इंजीनियर और एमडीआई, गुरूग्राम से एम.बी.ए. (वित्त) हैं। उन्होंने जनवरी 1990 में रेल मंत्रालय में एक आईआरएसई अधिकारी के रूप में शुरुआत की और उनके पास प्रमुख रेलवे बुनियादी ढांचे (25 वर्ष से अधिक) और राजमार्ग बुनियादी ढांचे (8 वर्ष से अधिक) के विकास में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव है।

श्री सिंह ने पहले 2016-2019 तक एनएचएआई बोर्ड में सदस्य (परियोजना) एनएचएआई के निदेशक के रूप में 3 वर्षों तक कार्य किया।

श्री सिंह का अनुभव प्रारंभिक योजना से लेकर अंतिम चरण तक फैला हुआ है, जिसमें परियोजना योजना, व्यवहार्यता मूल्यांकन, निवेश रणनीति, वित्तपोषण, बोली पुरस्कार, निर्माण, परियोजना परामर्श, अनुबंध प्रबंधन, परियोजना प्रबंधन, ओ एंड एम, मुद्रीकरण के अंत तक आदि के सभी पहलू शामिल हैं । परियोजना कार्यान्वयन विशेषज्ञता में नई लाइनों, दोहरीकरण, सुरंगों, ऊंचे गलियारों, अत्याधुनिक पुलों, राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, तटीय राजमार्गों, रसद, विद्युत प्रणालियों की स्थापना आदि के निर्माण को समय सीमा से पहले पूरा करना शामिल है।

श्री सिंह ने परियोजना कार्यान्वयन के सभी प्रचलित तरीकों जैसे आइटम दर ईपीसी, एफआईडीआईसी, ईपीसी (टर्न की), पीपीपी, ओएमटी, एचएएम, टीओटी मॉडल में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी उपलब्धियों में परिसंपत्ति मुद्रीकरण, इनविट, विनिवेश, धन जुटाना, विपणन, अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाएँ और विदेशी निवेश आकर्षित करना शामिल हैं।

श्री सिंह ने नए ईपीसी (टर्न की) मॉडल एग्रीमेंट (एमसीए) को लॉन्च करने, पीपीपी के कठिन युग के बाद पीपीपी में सुधार और एचएएम और टीओटी विनिवेश के नए प्रोजेक्ट मॉडल में अग्रणी भूमिका निभाई है।

श्री सिंह ने एक अनुबंध प्रबंधन विशेषज्ञ के रूप में नेतृत्व किया है और बड़ी संख्या में विवाद समाधान, तकनीकी और संविदात्मक व्याख्या समितियों और निपटान सलाहकारों का नेतृत्व किया है, ताकि लीक से हटकर सोच और नवीन हस्तक्षेपों के माध्यम से बड़ी संख्या में लंबित परियोजनाओं को बचाया जा सके। उन्होंने कई अभूतपूर्व उपलब्धियों के साथ मानव संसाधन एवं प्रशासन, आईटी और कानूनी क्षेत्रों का भी नेतृत्व किया है।

श्री सिंह समावेशी नेतृत्व के माध्यम से मूल्य सृजन और सभी हितधारकों और निवेशकों के लिए तालमेल बनाने में विश्वास करते हैं।/p>

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